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SEL शाला 

शिक्षा या मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए  सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा पर ऑनलाइन सर्टिफिकेट ट्रेनिंग

सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा (एसईएल) वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से बच्चे और वयस्क भावनाओं को समझने और सही तरह से व्यक्त करने, सकारात्मsक लक्ष्यों को निर्धारित करने और उनके पूरा करने के लिए सक्षमता का विकास करते हैं, स्वयं और दूसरों के लिए सहानुभूति विकसित करते हैं, सकारात्मक संबंध स्थापित करते हैं और बनाए रखते हैं, और जिम्मेदार निर्णय लेते हैं।

एसईएल (सोशल इमोशनल लर्निंग) शाला शिक्षकों के अपने काम के प्रति विकास के लिए एक बहुमुखी कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य शिक्षकों और शैक्षिक संस्थानों के लिए एक अनुभव-भरा और रिफ्लेक्शन कर पाने वाला स्थान बनाना है।
अभी रजिस्टर करें!
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सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा (SEL) का फ्रेमवर्क

अपनी शाला के एस. इ. एल. फ्रेमवर्क "अकादमिक, सोशल और  इमोशनल लर्निंग (संयुक्त राज्य अमेरिका) द्वारा प्रस्तुत CASEL मॉडल पर आधार कर डिज़ाइन किया गया है। इस डिज़ाइन को प्रचारक और निवारक मानसिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण को ध्यान में रख बनाया गया है। इसे भारत के बच्चों के लिए सबसे अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए, नैरेटिव आइडियाज़, माइंडफुलनेस, डाइवर्सिटी एंड इंक्लूजन और कंस्ट्रक्टिविस्ट लर्निंग थ्योरी को पिरोया गया है।

एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किये गए SEL फ्रेमवर्क में क्या शामिल है?
  • सामाजिक-भावनात्मक स्किल्स को सीखने और अभ्यास करने के अवसर
  • बच्चों के आसपास सामाजिक सिस्टम्स में सुधार करने के लिए डिजाइन की प्रक्रिया

SEL शाला २०२२ के लिए रेजिस्ट्रैशन​ अब खुले हैं ! 

कौन भाग ले सकता है?
अगर आप बच्चों के भले को ले कर पैशनेट हैं तो ये मौका आपके लिए है। शिक्षकों, प्रिंसिपल, अभिभावकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, काउंसलर, मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने वाले लोग, बी एड के स्टूडेंट्स, और वो लोग जो बच्चों के साथ काम करते हैं उनके लिए ये ट्रेनिंग उपयुक्त है। अगर आप किसी और सेक्टर से शिक्षा के छेत्र में आ रहे हैं तो भी ये आपके लिए उपयोगी हो सकती है। ​​
शेड्यूल 
Dates
दिन १:   सोमवार, ८ नवंबर, २०२१ 
दिन २:  मंगलवार, ९ नवंबर, २०२१ 
दिन ३:   बुधवार, १० नवंबर, २०२१
दिन ४:   गुरुवार, ११ नवंबर, २०२१
दिन ५:   सोमवार, १५ नवंबर, २०२१
दिन ६:   मंगलवार, १६ नवंबर, २०२१

दिन ७:   बुधवार, १७ नवंबर, २०२१ 
दिन ८:   बुधवार, १८ नवंबर, २०२१ 

ध्यान  दें :
  • सभी सेशन दोपहर 03:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक होंगे।
  • सारे सेशन ज़ूम ऐप पर ऑनलाइन होंगे। 
  • प्रतिभागियों को 8-दिवसीय पाठ्यक्रम के बाद एक प्रमाणपत्र प्राप्त होगा।
शुल्क  (फीस )
२५०० रुपये   प्रति पार्टिसिपेंट पूरे ८ सेशंस के लिए (इसमें सेशन में भागीदारी, SEL से जुड़े रिसोर्सेज, और डिज़ाइन से जुड़े सपोर्ट शामिल होंगे)

नोट :
  • अगर कोई स्कूल/संस्था ३ से ज्यादा पार्टिसिपेंट्स को एक ग्रुप के तौर पर भेजती है तो, ५०% ग्रुप कंसेशन मिलेगा। 
  • कोविद की सिचुएशन को ध्यान में रखते हुए, अगर किसी कारणवश कोई पार्टिसिपेंट फी नहीं दे सकते तो उनके लिए स्कालरशिप की व्यवस्था की जायेगी। फॉर्म को भरते समय वैसे ही बता दें। हमारी टीम आपको उसके बारे में फिर जानकारी देगी।  
अभी रजिस्टर करें!

SEL शाला २०२१ काम कैसे करता है?

एसईएल शाला शिक्षकों के लिए अपनी स्वयं की सामाजिक-भावनात्मक स्किल्स की गहरी समझ बनाने के लिए और एसईएल को कैसे शैक्षिक और अन्य सीखने की प्रक्रियाओं में शामिल कर सकते हैं ये जानने के लिए 8 दिन का प्रशिक्षण(ट्रेनिंग) का कार्यक्रम है। 

यह प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) कार्यक्रम शिक्षकों, प्रधानाचार्यों, परामर्शदाताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, डेवलपमेंट सेक्टर में काम करने वाले लोग और माता-पिता के लिए अच्छा होगा, खासकर वो लोग जो चौथी या उसके ऊपर की कक्षा के बच्चों के साथ काम करते हैं और SEL के बारे में अधिक जानने में रुचि रखते हैं।

एक्सप्रेसिव राइटिंग, कविता, पेअर-शेयर प्रोटोकॉल, छोटे समूह में चर्चा, ऑडियो-विज़ुअल, कला और रिसर्च जैसे विभिन्न अनुभवों के माध्यम से, एसईएल शाला प्रतिभागियों को स्वयं, बच्चों और संगठनों के सामाजिक-भावनात्मक प्रथाओं में गहरी समझ बनाने में सक्षम बनाता है। उन्हें फ्रेमवर्क से जुड़े पेपर, रिसर्च, एसईएल की एक्टिविटीज और लेसन प्लान जैसे चीज़ों को अपने अमल में लाने के लिए भी तैयार करता हैं।
​

सामग्री

  • मानसिक स्वास्थ्य का स्पेक्ट्रम और फ्रेमवर्क 
  • सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा (SEL) के फ्रेमवर्क
  • सामाजिक-भावनात्मक स्किल्स 
  • स्कूल / संस्था के विज़न और डिज़ाइन से SEL का जुड़ाव 
  • अपनी शाला के SEL करिकुलम का ओवरव्यू 
  • एसईएल और शैक्षणिक पाठ्यक्रम - कनेक्शन
  • बच्चों और किशोरों के साथ SEL कैसे करें इस बात कर चर्चा

4 Focus Areas / Theme to choose from

SEL for Self
Each educator needs to have learning and growth opportunities.   They look within oneself and discovering areas of  psycho-social competencies in one self.
​
SEL in Classrooms
Educators will learn to integrate simple games and circle time activities into their classrooms.   Age-appropriateness and time availability will be taken into consideration.

Educator as a Facilitator
This programme creates a shift of mindset from educator to facilitator,  ​arising from an active reflection into one’s own practices as teachers.

SEL integration
Provide holistic SEL opportunities to all  children in the school based on  the CASEL  framework.
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क्या आप किसी ऐसे अध्यापक को जानते हैं जिनको SEL शाला २०२१  में रुचि हो?

SEL शाला  के  कार्यक्रम सामग्री, परिणाम या शुल्क के बारे के लिए, हमसे संपर्क करें।

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